उठना है तुमको
उठना है तुमको, चलना है तुमको,
उड़ना है तुमको, ऊंचे गगन में।
रोकेगा रस्ता, तेरी खुद की हताशा,
टूटी है हिम्मत, और छाई निराशा।
पर फिर भी साथी,
उठना है तुमको ..........
सपने तुम्हारे, अब धुंधले पड़े हैं।
लोगों की बातें, मन तोड़े पड़े हैं।
पर फिर भी साथी,
उठना है तुमको ..........
दिल तेरा छलनी, कब से हुआ है।
कड़वी बातों की गोली, से घायल पड़ा है।
पर फिर भी साथी,
उठना है तुमको ..........
अपने लोगों का सपना, फिर भी तुम्हीं हो।
कई लोगों की आशा, फिर भी तुम्हीं हो।
तुम पर टिकी है, करोड़ों निगाहें,
कि सबका भरोसा, अब तो तुम्हीं हो।
तोड़ो ये बंधन,
कि उठना है तुमको, चलना है तुमको,
उड़ना है तुमको, ऊंचे गगन में।